Chhattisgarh Me Bhojali Tyohar :- दोस्तों आज हम इस पोस्ट के मध्यम से आपको छत्तीसगढ़ में मनाये जाने वाले भोजली त्यौहार के बारे में बताएँगे जैसे की भोजली त्यौहार कब है?, भोजली त्यौहार कैसे मनाया जाता है?, महत्व क्या है?, भोजली गीत.

अगर आप भोजली त्यौहार के बारे में सब कुछ जानना चाहते है तो आपको मेरे इस CG Me Bhojali Tyohar 2023 Me Kab Hai पोस्ट को पढना होगा.
CG Me Bhojali Tyohar 2023 Me Kab Hai
आर्टिकल नाम | CG Me Bhojali Tyohar 2023 Me Kab Hai |
लाभार्थी | छत्तीसगढ़ राज्य के सभी लोग |
लाभ | भोजली त्यौहार से सम्बंधित साभी जानकारी |
2023 में भोजली कब है | 31 अगस्त दिन गुरुवार को |
आर्टिकल साईट | cgyojana.com |
छत्तीसगढ़ भोजली त्यौहार कब मनाया जाता है?
छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार बहुत ही सदियों से मनाते आ रहे है जो सावन के कृष्ण पक्ष प्रथमा तिथि के दिन भोजली विषर्जन किया जाता है. भोजली त्यौहार छत्तीसगढ़ में बहुत ही धूम – धाम से मनाया जाता है.
CG Me Bhojali Tyohar 2023 Me Kab Hai?
छत्तीसगढ़ राज्य में भोजली त्यौहार बहुत ही धूम – धाम से मनाते है. इस त्यौहार में सभी महिलाये एवं पुरुष तथा बच्चे भी शामिल होते है. भोजली त्यौहार हर साल सावन के कृष्ण पक्ष के प्रथमा तिथि को भोजली विषर्जन किया जाता है. भोजली त्यौहार 2023 में 31 अगस्त दिन गुरुवार को है.
छत्तीसगढ़ भोजली त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
भोजली त्यौहार भारत के कुछ राज्य में मनाया जाता है लेकिन हम छत्तीसगढ़ राज्य में भोजली त्यौहार कैसे मनाया जाता है बताएँगे. छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार को एक और नाम दिया है कृषि पर्व जो हर साल सावन में शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन में भोजली को बोया जाता है.
बांस के टोकरी एक लाना पड़ता है और कुम्हार के घर से खाद और मिट्टी लाया जाता है उस टोकड़ी में डाल कर इस दिन ज्वारा या गेहू बोया जाता है. लेकिन इसमे ज्वारा पुरुषो के द्वारा बोया जाता है और भोजली औरत द्वारा बोया जाता है.
उसके बाद सावन के पूणिमा के दिन उस भोजली देवी को पूजा करते है और गीत रोज गाते है. इन 8/9 दिनों तक भोजली को देवी देवताओ की पूजा की जाता है. उस भोजली को पूजन करते है और देखभाल भी अच्छे से करते है.
पहले के आदिवासी कहते थे की जितना बड़ा भोजली रहेगा उतना ही अच्छा है फसल अच्छा होगा. उसके भादो में प्रतिपदा के दिन बौया गया भोजली के टोकड़ी सिर पर लेकर लाईन लगाकर यानि की एक दुसरे के पीछे होकर गीत गाते हुवे गाव को चक्कर लगा कर गंगा के किनारे भोजली देवी का विसर्जन किया जाता है.
विसर्जन करते वक्त उस भोजली में से कुछ लेकर अपने भाई के कानो में लगा देते है जिससे भाई – बहन के रिश्तो में मित्रता भी बनी रहती है. भोजली से हम किसी को दोस्त बनाने के लिए भी उसके कान में भोजली को लगाकर उसे दोस्त बना लेते है कहा जाता है की जो भोजली से जो दोस्ती बनती वह कभी नहीं टूटती है.
Chhattisgarh bhojli त्यौहार के महत्व
छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार के महत्व अगर आप जनाना चाहते है तो निचे दी गई लाइन को पढ़े.
- छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार मनाते है और भोजली देवी से विनती करते है की जो भी हमारी फसल की बुवाई हुई है वह फसल अच्छी हो.
- भोजली देवी से वारिश होने की कामना करते है तो वरिश भी होती है और अच्छा फसल उगता है.
- भोजली त्यौहार एक कृषि पर्व है जो छत्तीसगढ़ के सभी लेडिस एवं पुरुष तथा बच्चे भोजली को टोकरी में रखकर गावं में घूमते है और गीत भी गाते गंगा मईया के.
- भोजली नई फसल का प्रतीक है जो भोजली को टोकड़ी में ले जाकर विसर्जन किया जाता है और अच्छे फसल की प्रथाना किया जाता है.
- छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार एक मित्रता के प्रतीक में भी मनाया जाता है.
- भोजली को लेकर गीत गाते एक दुसरे के पीछे लाईन लगाकर घाट पर जाकर भोजली को ठंडा करती है थोडा सा भोजली को लेकर अपने भाई के कान के पास लगा देती जिससे भाई और बहन की बिच मित्रता भी अच्छी बनी रहती और उनका रिश्ता मजबूत बना \रहता है.
- भोजली को विसर्जन के दिन घाट पर भोजली को जब ठंडा करते है तब भोजली में से थोड़ा ले कर जिससे आप मित्रता बनाना चाहते है यानि की जिससे आपका दिल दोस्ती करना चाहते है उसके कान में यह भोजली पहनाकर उससे दोस्ती या मित्रता करते है.
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CG Me Bhojali Tyohar से सम्बंधित कुछ सवाल और जवाब (FAQ)
CG Bhojali Tyohar 2023 में कब है?
छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार 2023 में 31 अगस्त दिन गुरुवार को है यह त्यौहार हर साल रक्षाबंधन त्यौहार के दुसरे दिन बाद पड़ता है.
छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
भोजली त्यौहार मनाने के लिए सावन के नागपंचमी के दिन सुबह में गेहू को भिगोया जाता है और शाम को बांस के एक टोकड़ी लेते है और उसमे मिट्टी और खाद डाल कर उसमे गेहू को डाला जाता है 5 दिन बाद भोजली बाहर निकल कर आता है और रक्षा बंधन के अगले दिन विसर्जन किया जाता है.
भोजली त्यौहार क्यू मनाया जाता है?
छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार मनाया जाता ताकि जो भी फसल है वह अच्छी होए तथा यह त्यौहार एक दुसरे के मित्रता कराती है और दोस्ती मजबूत होती है.
छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार कब मनाया जाता है?
छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार हर सावन महिने के शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन सुबह में गेहू को भिगोया जाता है और रक्षाबंधन के अगले दिन विसर्जन कर दिया जाता है यानि की भोजली हर साल भादो में प्रतिपदा के दिन भोजली को विसर्जन करते है तथा इसी दिन छत्तीसगढ़ में भोजली त्यौहार मनाया जाता है.
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