Shardiya Navratri 2023| शारदीय नवरात्रि/दुर्गा पूजा कब और कैसे मनाया जाता है?

Shardiya Navratri :- दोस्तों आज हम आपको शारदीय नवरात्रि त्यौहार के बारे में बतायेंगें. शारदीय नवरात्रि को दुर्गा पूजा भी कहते है यह शारदीय नवरात्रि 10 दिनों का त्यौहार है तो इसे दशहरा भी कहते है.

Shardiya Navratri

हम आपको शारदीय नवरात्रि से सम्बंधित सभी जानकारी देंगें जैसे – शारदीय नवरात्रि 2023 में कब शुरू होगा? , शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना , महत्व , कौन से दिन को कौन से देवी की पूजन करना है? अगर आप दुर्गा पूजा से सम्बन्धित जो जनाना चाहते है तो आपको मेरे इस आर्टिकल Shardiya Navratri को अंत तक जरुर पढ़ना चाहिए.

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Shardiya Navratri 2023|

आर्टिकल नाम Shardiya Navratri
लाभार्थी भारत के सभी नागरिक
लाभ दुर्गा पूजा / शारदीय नवरात्रि
से सम्बन्धित सभी जानकारी
शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ 15 अक्टूबर
नवरात्रि के अष्टमी 22 अक्टूबर
नवरात्रि के नवमी 23 अक्टूबर
विजय दशमी / दशहरा 24 अक्टूबर
किस देवी की पूजन
की जाती है
माँ दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की
साल 2023
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शारदीय नवरात्रि त्यौहार क्या है?

शारदीय नवरात्रि त्यौहार को दुर्गा पूजा या दशहरा भी कहते है. शारदीय नवरात्रि त्यौहार दस दिनों का त्यौहार है जो की दस दिन भी नो दुर्गा माता का पूजन विधि – विधान से की जाती है.शारदीय नवरात्रि हर साल अश्वनी मास के शुक्ल प्रथम तिथि से एसे तो भारत के हर राज्य में शारदीय नवरात्रि त्यौहार बहुत ही धूम – धाम से मनाया जाता है. लेकिन नवरात्रि त्यौहार हर राज्य में अलग – अलग तरीको से मनाया जाता है. यह त्यौहार 10 दिन तक चलता है. शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ होती है उस दिन कलश स्थापना होती है पंडित से पूजा करवाया जाता है. नौ माता जी का पूजन नौ दिन की जाती है. दुर्गा माँ और सरस्वती माँ और लक्ष्मी माँ की मूर्ति स्थापना की जाती है और गणेश जी और भगवान कार्तिक की मूर्ति स्थापना की जाती है. उसके बाद विधि विधान से 9 दिन पूजन की जाती है. और 10 वी दिन माता की विदाई की जाती है.

Shardiya Navratri कब मनाया जाता है?

शारदीय नवरात्री को दुर्गा पूजा भी कहते है. शारदीय नवरात्रि हमारे भारत देश के हर एक राज्य में अलग – अलग नियम द्वारा मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि 10 दिनों का त्यौहार है जो की नौ दिन दुर्गा माँ के नौ स्वरूपों की पूजन विधि – विधान से की जाती है. शारदीय नवरात्री हर वर्ष अश्वनी मास के प्रतिपदा के प्रथम दिन प्रारम्भ होता है. और दशमी के दिन समाप्ति होती है.

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शारदीय नवरात्रि/दुर्गा पूजा 2023 में कब है?

शारदीय नवरात्रि एक येसा त्यौहार जो की 10 दिन तक चलता है बड़े से लेकर बच्चे तक इस दुर्गा पूजा को बहुत ही धूम – धाम से मनाते है. शारदीय नवरात्रि 2023 में 15 अक्टूबर दिन रविवार कलश स्थापित किया जायेगा और 23 अक्टूबर दिन सोमवार को पूजन समाप्ति दुर्गा माता की विसर्जन की जाएगी.

शारदीय नवरात्रि / दुर्गा पूजा 2023 में कौन – कौन से देवी माँ की पूजन किस दिन की जाएगी?

क्र. स. दिन एवं महिना तिथिया दुर्गा माँ के नौ
स्वरूपों के नाम
1 15 अक्टूबर (रविवार)प्रतिपदा तिथि शैलपुत्री माँ
216 अक्टूबर (सोमवार)द्वितीय तिथि ब्राह्मचारणी माँ
317 अक्टूबर (मंगलवार)तृतीया तिथि चंद्रघंटा माँ
418 अक्टूबर (बुधवार)चतुर्थी तिथि कुष्मांडा माँ
519 अक्टूबर (गुरुवार)पंचमी तिथि स्कंदमाता माँ
620 अक्टूबर (शुक्रवार)षष्ठी तिथि कात्यायनी माँ
721 अक्टूबर (शनिवार)सप्तमी तिथि कालरात्रि माँ
822 अक्टूबर (रविवार)दुर्गा अष्टमी तिथि महागौरी माँ
9 23 अक्टूबर (सोमवार)महा नवमी तिथि सिद्विदात्री माँ
10 24 अक्टूबर (मंगलवार)दशमी तिथि दशहरा , दुर्गा माँ विसर्जन

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शारदीय नवरात्रि/दुर्गा पूजा कैसे मनाया जाता है?

शारदीय नवरात्रि कार्तिक मास के अश्वनी मास के प्रतिपदा से प्रारम्भ होती है उस दिन कलश स्थापित की जाती है. मिट्टी डालकर जई रोपा जाता है. उसी दिन पंडित जी को बुलवाकर शैल पुत्री माँ का पूजा की जाती है और शाम को भी आरती की जाती है. शाम को दिया जलाया जाता है और लड्डू और पांच मीठा फल और गाय के दूध के खोवा मिठाई का भोग लगाया जाता है. इसी तरह से द्वितीय तिथि को ब्राह्मचारणी माँ की पूजा की जाती है. तृतीया तिथि को चंद्रघंटा माँ की पूजा की जाती है. चतुर्थी तिथि को कुष्मांडा माँ की पूजा की जाती है.पंचमी तिथि को स्कंदमाता माँ की पूजा की जाती है.

षष्ठी तिथि को कात्यायनी माँ की पूजा की जाती है. सप्तमी तिथि के दिन कालरात्रि माँ की पूजन की जाती है. अष्टमी तिथि के दिन महागौरी माँ की पूजा की जाती है. नवमी तिथि के दिन सिद्विदात्री माँ की पूजा की जाती है. शारदीय नवरात्रि में हर एक दिन दुर्गा माँ के नौ स्वरूपों की पूजा करते समय लाल अरहुल के फूल अवश्य चढ़ाये नवमी के दिन सोलह सिंगर और एक चुनरी साड़ी जरुर पहनाये. दशमी तिथि को दुर्गा माँ की विसर्जन विदाई कर दी जाती है.

Shardiya Navratri के महत्व क्या है?

शारदीय नवरात्री हर वर्ष कार्तिक मास के अश्वनी मास के प्रतिपदा से प्रारम्भ होकर दशमी के दिन मनाया जाता है. शारदीय नवरात्री में माँ दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजन विधि विधान से पूजन करने से हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है जो की हमने निचे पॉइंटस में बताये है.

  • माँ दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजन करने से घर की साडी कठिनाई दूर होती है.
  • घर के सभी परिवार को माँ दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है.
  • जो भी बच्चे पढाई करते है उन्हें ज्ञान मिलता विद्या मिलता है.
  • घर के सभी लोग स्वस्थ रहेंगें .
  • जो दुर्गा माँ से माँगा जाता है वह दुर्गा माँ आवश्य देती है.
  • अगर माँ दुर्गा की आर्धना करते है विधि अनुशार पूजन सचे मन से करते उनकी सभी मुराद दुर्गा माँ जरुर पूरी करती है.
  • घर में लक्ष्मी का वास होता है सभी दुःख बलाय दूर हो जाती है.

Shardiya Navratri से सम्बंधित कुछ सवाल और जवाब (FAQ)

दुर्गा पूजा कब है? 2023

दुर्गा पूजा 2023 में 15 अक्टूबर को प्रारम्भ होगा और 24 अक्टूबर को विजय दशमी होगी.

Shardiya Navratri कब मनाया जाता है?

शारदीय नवरात्री हर साल अश्वनी मास के प्रतिपदा से प्रारम्भ होकर दशमी के दिन मनाया जाता है.

शारदीय नवरात्री दुर्गा माँ के नौ स्वरूपों के नाम क्या है?

शारदीय नवरात्री दुर्गा माँ के नौ स्वरूपों के नाम :- शैलपुत्री माँ, ब्राह्मचारणी माँ , चंद्रघंटा माँ, कुष्मांडा माँ , स्कंदमाता माँ , कात्यायनी माँ , कालरात्रि माँ , महागौरी माँ , सिद्विदात्री माँ.

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