Chhath Puja Kab Hai:- दोस्तों आज हम आपको बतायेंगें की छठ पूजा 2023 में कब है? छठ पूजा बहुत ही धूम – धाम से मनाया जाता है. छठ पूजा सिर्फे स्त्री ही करती है. छठ पूजा ज्यादा उतर प्रदेश और बिहार राज्य में मनाया जाता है.

अगर आप छठ पूजा से सम्बंधित जो भी जानकारी लेना चाहते है जैसे :- 2023 में छठ पूजा कब है? नहाय खाय कब है ? खरना कब है ? तथा छठ पूजा कैसे मनाया जाता है? तो आपको मेरे इस आर्टिकल Chhath Puja Kab Hai को अंत तक जरुर पढ़ना होगा .
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Chhath Puja 2023|
आर्टिकल नाम | Chhath Puja Kab Hai |
लाभार्थी | स्त्री एवं पुरुष |
महत्व | अपने पुत्र एवं पति के सही सलामती के लिए |
कार्तिक मास के चतुर्थी के दिन | नहाय खाय |
कार्तिक मास के पंचमी के दिन | खरना |
कार्तिक मास के षष्ठी के दिन | शाम को घाट पर जाकर सूर्य भगवान को जल देना |
राज्य | बिहार और उतर प्रदेश |
आर्टिकल साईट | cgyojana.com |
छठ पूजा क्या है?
Chhath puja :- छठ पूजा राज्य उतर प्रदेश और बिहार में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाने वाला त्योहार है जो तिन दिन तक गाना बजाना और विधि विधान से पूजन होता है. छठ पूजा बिहार का प्रमुख त्यौहार यानि की बिहार का प्रसिद्ध त्यौहार है. छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के चतुर्थी के दिन से लाकर सप्तमी तक होता है. छठ पूजा स्त्री या पुरुष या लड़की या लड़का कोई भी कर सकता है. छठ पूजा कार्तिक मास के चतुर्थी के दिन खाय नहाय होता है और पंचमी के दिन खरना तथा षष्ठी के दिन जो भी महिलाये व्रत करती है. वह अपने पास के पोखरी या तालाब के पास जाकर शाम को सूर्य भगवान को जल देते है. तालाब के पास छठ मैया का मूर्ति बनी रहती है उसी मूर्ति को सभी लोग विधि विधान से पूजन करते है. घर आकर रात को सभी फल से ईख से कोशी भरते है. सप्तमी के दिन सुबह में वही भीर तालाब के पास जाकर छठ मैया के मूर्ति के पूजन कर सूर्य भगवान को जल देते है और घर आकर भोजन करके अपना व्रत तोड़ते है.
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छठ पूजा करने के लिए पूजन समाग्री लिस्ट |
अगर आप छठ पूजा कर रहे है तो आपको पता होना चाहिए की छठ पूजा करने में कौन – कौन से पूजन समाग्री लगेगा. तो आपको हमने निचे छठ पूजा समाग्री लिस्ट बनाया जो आप बहुत हि आसानी से जान सकते है और दुसरो को भी बता सकते है.
- नया वस्त्र साड़ी और सोलह सिंगार
- ईख
- सभी प्रकार के फल
- निम्बू
- नारियल
- मिट्टी के दिया
- कलश
- सिंदूर
- अगरबती धूम
- साठी का चावल
- मीठा
- धुप
- पान कसैली
- हल्दी
- आदि
- बांस के सूपली
- सुथनी
- मुली
- इत्यादी
chhath puja 2023 me kab hai?
छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के षष्ठी को ही मनाया जाता है. छठ पूजा महिला भी करती है पुरुष भी करता है जो चाहे वह छठ पूजा का व्रत कर सकता है.
छठ पूजा तिथि 2023
छठ पूजा करने की तिथि | छठ पूजा करने का दिन | छठ पूजा करने का अनुष्ठान |
17 नवम्बर | शुक्रवार | नहाय खाय |
18 नवम्बर | शनिवार | खारना |
19 नवम्बर | रविवार | संध्या अर्घ |
20 नवम्बर | सोमवार | सूर्योदय अर्घ |
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छठ पूजा कब और कैसे मनाया जाता है?
छठ पूजा कब मनाया जाता है? :- छठ पूजा बिहार का प्रमुख त्यौहार है जो की उतर प्रदेश और झारखण्ड , नेपाल में भी मनाया जाता है. छठ पूजा हर साल साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष चतुर्थी से लेकर सप्तमी तक चलता है. कार्तिक मास के चतुर्थी के दिन नहाय खाय और पंचमी के दिन खरना तथा षष्ठी के दिन संध्या अर्घ और
- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन – नहाय खाय
- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष पंचमी के दिन – खरना
- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष षष्ठी के दिन – संध्या अर्घ
- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष सप्तमी के दिन – सूर्योदय अर्घ
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छठ पूजा कैसे करते है/छठ पूजा कैसे मनाया जाता है?
छठ पूजा एक येसा त्यौहार जिस दिन कुछ न खाया ना कुछ पिया जाता है. छठ पूजा एक निर्जला व्रत है जो अपने बेटे और पति तथा अपने घर की साभी परिवार की सलामती के लिए किया जाता है.छठ पूजा तो उतर प्रदेश में और कुछ राज्य में भी मनाया जाने वाला त्यौहार है लेकिन छठ पूजा बिहार का महापर्व है जो चार दिन तक धूम – धाम से मनाया जाता है.
छठ पूजा कैसे करते है?– छठ पूजा करने के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन सुबह में नहा कर पूजा करके भोजन किया जाता है. अगले दिन पंचमी के दिन छठ पूजा खरना होता उस दिन कुछ भी न खाया न पिया जाता है. शाम को सूर्य भगवान को जल देते है और शाम को यानि रात को शुद्ध रोटी और साठी चावल का बना खीर और फल को छठ मैया को चढ़ाया जाता है और उसके बाद खाया जाता है . षष्ठी के छठ पूजा का निर्जला व्रत रहता है उस दिन रात या दिन कुछ भी नही खाया जाता है. यानि की षष्ठी को निर्जला रहना पड़ता है. षष्ठी के दिन घर को साफ – सफाई करके पुड़ी बनाई जाती है शुद्ध आटा का और सभी प्रकार के फालो को धोया जाता है ईख को भी तैयार की जाता है.
दोपहर को सभी महिला सोलह सिंगार करके शुद्ध कपड़े पहनकर अपने नजदीकी घाट पर यानि तालाब जाकर दिया जालाया जाता है. घाट पर बनाई गई छठ मैया के विधि अनुशार पूजन किया जाता है शाम सूर्य भगवान को डूबने से पहले घाट पर जाकर पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान को जल दिया जाता है. उसके बाद घर आकर 12 ईख से और फलो से आँगन में कोशी भड़कर पूजा किया जाता है और गीत भी गया जाता है. सप्तमी के दिन सुबह में उसी घाट पर पानी में खड़े होकर बांस के सुपली में पाच फल और नारियल से सूर्य भगवना को जल दिया जाता है. उसके बाद घर आकर पारण किया जाता है यानि की भोजन कर व्रत को तोडा जाता है.
छठ पूजा करने से महत्व क्या है?
छठ पूजा करने से घर के सभी लोग दुःख दर्द से दूर रहते है.
पति और बेटे के उपर जो दुःख संकट आने वाला होता है वह दूर हो जाता है.
जिसका पुत्र नही होता वह छठ माता के पास सच्चे दिल से मांगे ले तो उसे छठ माता पुत्र दे देती है.
जो महिला छठ माता का व्रत करती है उस महिला को छठ माता सुहागन होने का आशीर्वाद देती है.
छठ माता का व्रत करने से जो मांगे वह मिल जाता है.
chhath puja से सम्बंधित कुछ सवाल और जवाब (FAQ)
छठ पूजा 2023 में कब है?
छठ पूजा 2023 में 19 नवम्बर को है जो बिहार और उतर प्रदेश में बहुत ही धूम – धाम से मनाते है.
छठ पूजा कब से मनाया जाता है?
छठ पूजा प्रचीन काल से मनाया जाता है.
छठ पूजा किस राज्य का प्रमुख त्यौहार है?
छठ पूजा बिहार राज्य का प्रमुख त्यौहार जो बहुत ही धूम – धाम से मनाया जाता है.
Chhath Puja कब मनाया जाट है?
छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष षष्ठी के दिन मनाया जाता है.
छठ माता कौन है?
छठ माता सूर्य भगवान की बहन है.
Chhath Puja कहाँ – कहाँ मनाया जाता है?
छठ पूजा बिहार , झारखण्ड , उतर प्रदेश , पश्चिम बंगाल , नेपाल में मनाया जाता है.
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आशा करती हूँ यह आर्टिकल Chhath Puja Kab Hai आपको पंसद आया होगा और आपके मन में जो भी डाउट होंगें छठ पूजा कैसे मनाया जाता है? को लेकर सभी क्लियर हो गए होंगें.
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